नन्ही चिड़िया की बड़ी उड़ान
नन्ही चिड़िया की बड़ी उड़ान
एक हरे-भरे जंगल में, रंग-बिरंगे फूलों और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के बीच एक प्यारी-सी नन्ही चिड़िया रहती थी। उसका नाम मीठी था। उसका रंग हल्का नीला था, आँखें चमकदार और आवाज़ बहुत मधुर। मीठी को दिल से उतनी ही कोमलता मिलती थी, वह खुद थी।
हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ मीठी उठती और चहचहाते हुए पूरे जंगल में उड़ान भरती। वह तितलियों के पीछे उड़ती, नदियों के किनारे जाती और बच्चों को अपना गीत सुनाती।जंगल मै और भी बहुत से जानवर थे चिल मोर तोते कबूतर लेकिन मीठी सबसे अलग थी , जंगल में सब उसे बहुत पसंद करते। मीठी सबसे अच्छे व्यवहार और दूसरों की मदद करना बहुत पसंद करती थी।
एक दिन, गर्मी बहुत ज़्यादा पड़ रही थी। दोपहर थी, की अचानक जंगल में कहीं से आग लग गई। हवा में धुआँ भर गया और पेड़-पौधे जलने लगे। जानवर इधर-उधर भागने लगे। बड़ी चीलों ओर तेज उड़ने वाली चिड़ियों ने कहा — "हमें जल्दी ही यह जंगल छोड़ देना चाहिए ।
मीठी ने भी धुएँ देखा, लेकिन वह भागी नहीं। उसका दिल किसी अपने की तरह धड़क उठा। उसने देखा कि कुछ छोटे-छोटे नन्हे खरगोश, आग में फंसे हुए घोंसले जाल रहे है। अगर मै कुछ न करूं, तो ये सब खत्म हो जाएगा , मीठी ने सोचा। वह उड़ते-उड़ते तालाब के उस पार पहुँची। अपनी छोटी चोंच में जितना पानी भर सकती थी, भरकर उड़ पड़ी और जलते घोंसले पर डाल दिया। फिर उसने यही काम बार-बार किया। वह थकती रही, लेकिन रुकी नहीं।
ऊपर से उड़ती चील बोली, “तू अकेली क्या कर लेगी? यह आग बहुत बड़ी है। मेरी बात मान, हम लोगों के साथ तू भी ये जंगल छोड़ दे। मीठी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “शायद मैं अकेले कुछ नहीं कर सकती, पर कोशिश तो कर सकती हूँ।”
मीठी की इस कोशिश को देखकर बाकी पक्षियों को शर्म आई जब ये इतनी छोटी होकर ऐसा कर सकती है तो हम क्यों नहीं । सबसे पहले तोता झरने की ओर उड़ा फिर कबूतर ऐसे ही धरी धरी पूरा आसमान पानी लाने वाले पक्षियों से भर गया ।
नन्हे खरगोश सुरक्षित बाहर निकाले गये। घोंसले से बाहर निकल गये। ऊपर वाले कौ की मीठी की मेहनत पर दया आ गई और कुछ ही देर में काले बादल घिर आये। जोरदार बारिश शुरू हुई और आग बुझ गई। बारिश थमने के बाद, पूरे जंगल में खुशियाँ छा गईं। जानवरों की मीठी आवाजें गूंजने लगीं। सभी जानवरों मीठी को चारों ओर जमा हो गए । चिल ने झुककर कहा आज हमने सिखा कि सच्ची बहादुरी साइज मै नही , इरादे मै होती है। उस दिन से जंगल के बच्चे मीठी की कहानी सुन सुनकर बड़े होने लगे। मीठी नन्ही थी पर उसने सभी की सिखा दिया कि साहस और सेवा सबसे बड़ी ताकत होती है।
सीख:– किसी का आकार नहीं उसकी सोच और हिम्मत मायने रखती है। छोटा होकर भी बड़ा काम किया जा सकता है । अगर आप दिल से कोशिश करो तो दुनिया आपका साथ देती है ।
Comments
Post a Comment