चिंटू और झूठ का नाटक

चिंटू और झूठ का नाटक

एक छोटे से गांव में एक चिंटू नाम का लड़का रहता था । चिंटू बहुत ही चंचल था , लेकिन उसकी एक बहुत बुरी आदत थी वो बार–बार झूठ बोलता था । कभी कहे देता “ मेरे बगीचे में शेर


आगया ” तो कभी बोलता की “गांव मै आग लग गई”, कभी कभी कहे देता की कुएं मै मेरी बकरी गिर गई है ।

उसकी ये बाते सुनकर गांव वाले वहां पहुंचते थे लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ करता था । इससे गांव वाले बहुत ही ज्यादा परेशान हो गए थे । पहले तो गांव वाले उसकी इन बातों पे हस्ते थे , लेकिन धीरे–धीरे उसकी बातों पे विश्वास करना छोड़ दिए ।

एक दिन चिंटू खेतों में खेल रहा था । अचानक से उसने देखा कि एक बड़ा सांप ने उसकी बकरी को काट लिया । वो दौर कर गांव मै आया और जोर–जोर से चिल्लाया “मेरी मदत करो मदत करो ” मेरी बकरी को एक बड़े सांप ने काट लिया है ।

लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी । सबने सोचा कि , इसका यही काम है फिर से झूठ बोल रहा है । आखिर मैं , जब उसकी मां ने रो रोकर सबको सच बताया,

तब जाके कुछ लोग उसके साथ गए । लेकिन तब तक देर हो चुकी थी बकरी की जान जा चुकी थी ।

चिंटू बहुत उदास हुआ और सबके सामने बोला – मुझे माफ करदो । “आज मुझे समझ आया कि झूठ बोलने का अंजाम क्या होता है ”
सीख : – झूठ बोलने से लोग आप पर विश्वास करना छोड़ देते है । सच बोलना हमेशा सबसे अच्छा होता है ।

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