छोटी मछली बड़ा सपना
छोटी मछली बड़ा सपना
एक समय की बात है नील सागर के कोने में एक छोटी सी मछली रहती थी , जिसका नाम मीना था,
मीना हर दिन बड़े - बड़े झीलों और नदियों के बारे में सपने देखती थी । उसका सपना था कि एक दिन वो सागर के उसपार जाए और दुनिया देखे , लेकिन उसकी मां कहती थी , बेटी आप अभी बहुत छोटी हो अभी अभी आप यही छोटे नदी मै ही ठीक हो, अभी आपका बाहर जाना ठीक नहीं होगा । बाहर का पानी तेज होता है , और आपको वहां खतरा हो सकता है ।
मीना चुपके से निकल पड़ती है , मीना तैरते हुए समुद्र मै आ जाती है । उसने पहली बार बड़ा समुद्र देखा था । चमकते हुए मोती, रंगीन मछलियां , गहरी गुफाएं , और तरह तरह के अन्य समुद्री जीव जो उसके मन को मोह रहे थे । मीना को वहां की हर चीज एकदम जादुई लग रही थी ।
मीना ये सब देख ही रही थी कि अचानक से समुद्र मै तूफान आ गया । लहरें इतनी तेज थी कि उसके बहाव से मीना सही से तेर नहीं पा रही थी उससे समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर वो कहा जाए ।
तभी वहां एक बूढ़ा कछुआ आया और मीना से पूछा , कौन हो बेटी तुम ओर कहा से आई हो । तब मीना रोते हुए सब बात बताती है ।
तब बूढ़ा कछुआ मीना से कहता है कि सफर करना , दुनिया देखना , बुरी बात नहीं है लेकिन बिना किसी को बताए बिना किसी तैयारी के घर से बाहर निकलना समझदारी नहीं है इससे हमें खतरा हो सकता है । बूढ़ा कछुआ ने उसे अपने पीठ पे बिठाया और वापस उसके कोने तक छोड़ दिया ।
मीना की मां ने मीना को देखकर राहत की सांस ली । मीना ने भी अपनी गलती के लिए अपनी मां से माफी मांगी ।
मीना बहुत थक गई थी लेकिन उसने एक जरूरी बात सीखी थी । की उसे घर पे बिना बताए ओर बिना किसी तैयारी के नहीं जाना चाहिए । अगली बार मीना अपनी मां से बात की और एक योजना बनाई , तैरना सीखने लगी , ओर स्वयं को सफर मै जाने के लिए अच्छे सी तैयार किया । कुछ महीने बाद , मीना फिर से , अपने मां से पूछकर सफर पर निकली , इस बार मीना पूरी तरह से तैयार भी थी , उसने सफर पूरा भी किया और अपना सपना भी सच किया
सीख :- सपने देखना अच्छा होता है , लेकिन उनके लिए तैयारी करना ओर समझदारी से कदम उठाना जरूरी होता है ।









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