नटखट चूहा

नटखट चूहा

एक बड़े अनाज के गोदाम में बहुत सारे चूहे रहते थे । वहां अनाज की भरमार थी गेहूं , चावल , दाल ओर इसी कारण चूहों का जीवन बड़ा आराम दायक था ।

इन्हीं में से एक था चिंटू , जो सबसे छोटा ओर सबसे नटखट चूहा था । उसकी शरारतों का कोई अंत नहीं था । कभी वो दूसरों की पूंछ पकड़ लेता , कभी चुपके से उनके खाने का अनाज चुरा लेता , तो कभी गेहूं के ढेर में कूद कूद कर सबका ध्यान भंग करता ।
बूढ़ा चूहा "दादू" अक्सर समझता बेटा चिंटू मस्ती करना फिर भी ठीक है लेकिन सावधानी भी जरूरी है । यहां हर दिन खतरा मंडराता रहता है। चिंटू हंसते हुए कहता है अरे दादू , मै भी तो सबसे तेज हुए , मुझे कौन पकड़ेगा।
ओर फिर उछल कूद करने लगता है । कुछ दिनों बाद गोदाम मै एक नई मुसीबत आई एक बड़ी , सफेद , होशियार बिल्ली जिसका नाम सिम्बा था , उसकी चाल धीमी , पर निगाहे तेज ओर पंजे बहुत फुर्तीले थे । पहले ही दिन , चूहे डर के मारे अपनी अपनी बिल मै दुबक गए ।
लेकिन चिंटू तो , चिंटू था । उसने सबको चिढ़ाते हुए कहा , अरे ये बिल्ली भी क्या चीज है देखना मै उसके सामने से दौड़कर जाऊंगा ओर ये कुछ नहीं कर पाएगा। सभी ने मना किया , मगर चिंटू नहीं सुना वह तेजी से गोदाम के बीच मै आया ओर जोर से चिल्लाया , ये बिल्ली पकड़ सको तो पकड़ लो , सिम्बा चौंकाने हो गई ओर चिंटू के पीछे दौड़ी। चिंटू पहले तो बहुत तेज भागा,

मगर एक बोरे पर फिसल कर गिर गया ।

सिम्बा अब बस झपटने ही वाली थी कि तभी बाकी चूहे ने समझदारी से काम लिया। उन्होंने गोदाम के अपर रखे टिन के डिब्बे को जोर से गिराया , जिससे भयानक आवाज  हुई । बिल्ली डर गई ओर पीछे हट गई । चिंटू को जल्दी से खींचकर बाकी चूहे अपने साथ बिल में ले गए । चिंटू कांप रहा था । आंखों मै आंसू थे , उस दिन के बाद चिंटू की आँखें खुल गई ।
उसने सबके सामने माफी मांगी और वादा किया कि अब से वो समझदारी से रहेगा । अब वह खुद सबसे पहले खतरे की सूचना देता ओर दूसरों की मदत करता है। चिंटू धीरे धीरे सबका पसंदीदा ओर जिम्मेदार चूहा बान गया ।
सीख : – मस्ती ओर खेल जरूरी है लेकिन समय पर समझदारी ओर सावधानी भी उतनी ही जरूरी से शरारत अगर हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो नुकसान भी हो सकता है ।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

10 साल की तनवी बनी स्वच्छता चैंपियन – एक प्रेरणादायक कहानी

भालू और सच्चा दोस्त

नटखट बंदर और बूढ़ी दादी