दादी मां की सीख – जैसी सोच वैसी स्थिति
दादी मां की सीख – जैसी सोच
वैसी स्थिति
एक बार की बात है , एक छोटे से सुंदर गांव मै अर्जुन नाम का लड़का रहता था , अर्जुन पढ़ाई मै बहुत अच्छा था । वह प्रतिदिन स्कूल जाता था । लेकिन उसमें एक बुरी आदत थी कि वह किसी भी बात के बुरे पहलू को ही देखता था , उसके दिमाग मै केवल नकारात्मक विचार ही आते रहते थे । जिसकी वजह से अर्जुन खूब परेशान भी रहता था । अगर बादल घिरे तो वह कहता कि अब तो बारिश होगी और मै बाहर भी खेल पाऊंगा । अगर टीचर ने सवाल पूछ लिया तो सोचता कि मै जवाब नहीं दे पाऊंगा तो लोग मजाक उड़ाएंगे मेरा ,
घर पे की मेहमान आता तो सोचता कि अब तो मेरा टीवी देखने का टाइम भी चला जाएगा । इन्हें नहीं आना चाहिए था। अर्जुन की यह सोच धीरे धीरे उसकी दुनिया वैसा ही बना रही थी – उदास ओर निराशा पूर्ण। एक दिन दादी ने अर्जुन को bulaya ओर कहा बेटा तुम्हे एक जादुई किताब दिखाती हु । इसमें जैसा tm सोचोगे wo सच ho जायेगा । अर्जुन की आँखें चमक गई सच मै दादी ? दादी मुस्कुराई और बोली है लेकिन ये किताब कही बाहर नहीं तुम्हारे दिमाग मै ही है । इसका नाम है सोच , जैसा सोचेंगे वैसा ही बन जाओगे । इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए कि सब भले के लिए होगा है यदि कोई मुसीबत आ भी जाए तो क्या हुआ हमे अपनी समझदारी से उस मुसीबत का हल निकलना चाहिए । जैसे काली रात के बाद दिन आता है । वैसे ही मुसीबत के बाद उसका समाधान भी होता है । लेकिन सबसे जरूरी है हमारा सोच , हम जैसी सोच रखेंगे स्थिति खुद ब खुद वैसी ही बनती चली जाएगी अच्छा सोचेंगे तो मन अच्छा ओर शांत रहेगा और बुरा सोचे तो मान खराब रहेगा । अर्जुन दादी की बात सुनकर थोड़ा सा उलझन मै आ गया । उसने दादी से कहा दादी मै समझ नहीं पाया कि आप कहना क्या चाहती है । दादी ने ग़ुलू तोते के तरफ इशारा करते हुए कहा देखो तुम गुलू को प्यार से कहते हो गाना गाने को तो वो खुशी खुशी गाना गाने लगता है । वहीं जब तुम उसको गुस्से मै कहते हो तो वो चुप ओर दुखी हो जाता है । सोच भी हमारी लिए बिल्कुल ऐसे ही काम करती है ।
अर्जुन ने उसी दिन एक प्रयोग करने को ठानी । अगली सुबह जब स्कूल जाता था ओर बादल देखा तो सोचा शायद बारिश होगी पर जाने दो कोई बात भी बारिश भी तो जरूरी है । स्कूल jauga भी ओर दोस्तो के साथ भीगा भी
वाकई बारिश हुइ, लेकिन अर्जुन ने पहली बार उसका आनंद लिया। फिर एक दिन क्लास में टीचर ने सवाल पूछा अर्जुन ने सोचा, मै कोशिश करूंगा गलत हुआ तो फिर से सीखूंगा।
वो जवाब देने खड़ा हुआ। उसने टूटी फूटी लाइनों में प्रश्न का उत्तर दिया पर जवाब सही था। अर्जुन ने पहली बार क्लास में हिम्मत करके किसी प्रश्न का उत्तर दिया था। ये देखकर टीचर बहुत खुश थी। सारे बच्चो ने अर्जुन के लिए ताली भी बजाई।
यह सब देखकर अर्जुन को खुशी हुई और उसका आत्मविश्वास भी और बढ़ गया। धीरे धीरे अर्जुन की ये नई आदत बन गई और अब उसकी दुनिया बदलने लग गई। अब हर दिन वो खुश रहने लगा। और मन को भी शांत रखने लगा। दादी ने भी अर्जुन की इस बात पर ध्यान दिया। एक दिन दादी अर्जुन से बोली, देखा! अर्जुन बेटा " जैसी सोच रखोगे वैसी ही स्थिति भी आजाएगी।" अगर तुम हर बात को अच्छे नजरिए से देखोगे तो तुम्हारी जिंदगी भी ऐसी ही मुस्कुराहट के साथ आसान हो जाएगी।
सीख – हमारी दुनिया वैसी नहीं है जैसी वो है बल्कि वैसी होती है जैसी हमारी सोच होती है। अगर सोच सकारात्मक हो तो सबसे कठिन चीज भी हमे सबसे आसान लगती है। इसलिए हमेशा अच्छा सोचो क्योंकि " जैसी सोच वैसी स्थिति।"
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